शिव की नगरी काशी – आस्था, संस्कृति और मोक्ष की भूमि "काशी" , जिसे बनारस या वाराणसी के नाम से भी जाना जाता है, हिन्दू धर्म की सबसे प्राचीन और पवित्र नगरी मानी जाती है। यह कोई साधारण शहर नहीं, बल्कि स्वयं भगवान शिव की नगरी है — एक ऐसी जगह जहाँ मृत्यु भी मोक्ष का द्वार बन जाती है। काशी का धार्मिक महत्व पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब सृष्टि की रचना हुई थी, तब सबसे पहले भगवान शिव ने काशी को बसाया था। कहते हैं कि काशी वो जगह है जिसे स्वयं शिव ने अपने त्रिशूल पर धारण किया है, इसलिए इस नगरी का अस्तित्व काल और मृत्यु के नियमों से परे है। काशी विश्वनाथ मंदिर , जो यहाँ का प्रमुख आकर्षण है, भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यहाँ आकर लोग अपने पापों से मुक्ति पाना चाहते हैं, क्योंकि माना जाता है कि शिव के दर्शन से जीवन सफल हो जाता है। मोक्ष की नगरी काशी को "मोक्ष की नगरी" कहा जाता है। ऐसा विश्वास है कि जो व्यक्ति काशी में अंतिम साँस लेता है, उसे पुनर्जन्म नहीं लेना पड़ता। स्वयं महादेव उसके कान में तारक मंत्र (मोक्ष...
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